भारत की बढ़ती जनसंख्या

जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब हमारे देश की जनसंख्या 34 करोड़ थी | भारत में जनगणना आयुक्त 1872 में जवर्नर- जनरल लॉर्ड मेयो के शासन कल के दौरान आयोजित की गई | पहली तुत्कालिक जनगणना 17 फरवरी, 1881 को ब्रिटिश शासन के तहत डब्लू. सी. प्लौडेन द्वारा करवाई गई |

स्वतंत्र भारत की जनगणना     

 

 यह  पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि भारत की जनसंख्या कितनी तीब्र गति से बढ़ रही है | यह आने वाले समय में चिंता का विषय बनता जा रहा हैं | भारत की आबादी विश्व की कुल जनसंख्या का 17% हैं लेकिन भारत के पास रहने के लिए विश्व की कुल भूमि का 2.4% ही हैं आसान भाषा में कहा जाए तो संसाधन और सुविधाओ की तुलना में उपभोक्ताओ की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही हैं जहाँ लोगो की जनसंख्या बढ़ रही हैं  वहीं जानवरों की जनसख्या कम होती जा रही हैं | हमारे देश यानि भारत में प्रतिदिन 68,500 बच्चे जन्म लेते हैं जो दुनिया में जन्म लेने वाले बच्चो का पांचवा हिस्सा हैं | प्रत्येक मिनट इनमे से एक नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती  हैं | आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं| जिन्हें अंदाजा नही हैं की हमारे देश की जनसख्या कितनी तीब्र गति से बढ़ रही हैं जो की आने वाले कुछ वर्षो में एक विशाल समस्या बन जाएगी | जिसके पास रहने के लिए घर ना ही खाने के लिए दो वक्त की रोटी ना की कपड़ा और शिक्षा के प्रति उदासीन हैं फिर भी इन्ही लोगो का जन्म दर काफी ज्यादा हैं सीधा सा बात जो जितना कमजोर रहता उसकी जन्म दर ज्यादा रहता हैं | बेरोजगारी, गंदगी, बीमारी, भूख कई प्रकार की समस्या इनके साथ चलती हैं |

आज कल तो लोगों के मन में एक ऐसा रोग जन्म लेते जा रहा जो की मुख्या रूप से पुत्र की आकांक्षा करना , इसी कारण से जन्म दर काफी बढ़ रही हैं | यह एक ऐसी समस्या हैं जो अपने आप ठीक नही सकता हैं | हमे जनसंख्या वृद्धि पर नियत्रण के बारे में  सोंचना चाहिए और हाँ सिर्फ सोंचने से कुछ नही होगा उसके प्रति हमें पहले खुद जागरुक होना पड़ेगा तभी लोगो को भी हम जागरुक कर सकेंगे | तब ही इस समस्या का समाधान पा सकते है| अगर अभी से हमलोग इसके प्रति जागरुक नही होते हैं तो एक ऐसा समय आयेगा की हमारे देश में रहने के लिए कोई जगह नही बचेगी| आप रहने की तो बात ही छोड़ दीजिये क्योंकि हमारे देश में खाने की समस्या इतनी बढ़ जाएगी की हमें भूख के कारण मरना पड़ेगा | बढ़ती जनसंख्या के कारण रोजगार में कमी आ रही हैं रोजगार में कमी आ रही हैं तो अपराध/ काले धंधे बढ़ रहे हैं |आप ही सोंचिये की कोई व्यक्ति को रोजगार नही मिलेगा तो जाहिर सी बात हैं की वह कालेधंधे/अपराध के रास्तें ही चुनेगा | क्योंकि वह अपना भूख मिटने के लिए उसे गलत काम ही दिखेई देगी | 

भारत में बढ़ती जनसंख्या पर नियत्रण –

 जनसंख्या वृद्धि पर नियत्रण के लिए हमे सबसे पहले जागरुक होना पड़ेगा और लोगो को भी जागरुक करन पड़ेगा | क्योंकि जब आप खुद जागरुक होंगे तभी आप दुसरो को भी जागरूक कर सकेंगे | हमे , हम दो, हमारे दो का नारा का पालन कर भारत की बढ़ती जनसंख्या को एक छोटा परिवार बनाने के लिए लोगो को जागरुक करना चाहिये | इस समस्या को हम अकेले कुछ नही कर सकते | हमसब मिल कर इस समस्या पर नियत्रण पा सकते हैं | मुख्या रूप से परिवार कल्याण नियोजन कार्यक्रमों को सफल बनाना होगा | लोगो में शिक्षा का प्रसार बढ़ना होगा और गर्भनिरोधी उपायों के प्रति जनता की रूचि को जागृत करना होगा | बालविवाह को हमें रोकना चाहिए | शिक्षा किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं भारत में जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण अशिक्षा हैं | जनसंख्या वृद्धि किसी भी देश के लिए हानिकारक मानी जाती हैं | इससे भुखमरी, बेराजगारी जैसी कई समस्याए  उत्पन्न होती हैं शिक्षा जनसंख्या वृद्धि के निवारण एवं नियंत्रण के लिए आवश्यक हैं अतः देश में हर बच्चे के लिए शिक्षा को अनिवार्य किया जाना चाहिए | जिससे वे देश में व्याप्त विभिन्न परिस्थियों को समझ सके | और उसको सुधार सकें | भारत को युवाओ का देश माना जाता हैं | क्योंकि यहाँ युवाओ की संख्या सबसे ज्यादा हैं| इसलिए प्रत्येक युवाओ को अधिक सक्रियता की जरुरत हैं तभी हम अपने भारत देश में खुशिया ला सकेंगे और सुख समृद्धि की संभावनाओ को साकार कर सकेंगे | प्रत्येक व्यक्ति को होना पड़ेगा क्योंकि यह काम कोई अकेला नही कर सकेगा | जब हमसब एक होंगे तभी हम जनसंख्या वृद्धि में नियत्रण को सफल बना सकते हैं | 

 

चलिए हम और आप बताए गए सभी जानकारी को ध्यान में रख कर जनसंख्या पर नियत्रण लाते हैं 

जय हिन्द ! जय भारत !  

 

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